बेमौसम बारिश का असर आम लोगों को 'मैंगो पार्टी' से दूर कर सकता है

मई का महीना चालू हो गया है। लेकिन गर्मी का कोई ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है। इसके पीछे की वजह रुक-रुक कर होती बारिश है। अब ऐसी स्थिति में लीची, तरबूज, खरबूज एवं आम जैसे गर्मियों के फलों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। इनका इतना भाव बढ़ जाऐगा जो इन्हें आम आदमी के बजट से बाहर कर देगा। गर्मियों का असली आनंद तो तब ही आता है, जब पीले-पीले आम व लाल-लाल तरबूज आपकी थाली में मौजूद हों। साथ ही, परिवार के सभी जन एक साथ बैठकर ‘मैंगो पार्टी’ कर खूब आनंद करें। वहीं, यदि आप कभी जामा मस्जिद की तरफ चले गए तो ‘मोहब्बत का शरबत’ का लुफ्त उठाकर आऐं। परंतु, इस वर्ष क्या यह सब कुछ आम आदमी की पहुंच से परेह हो जाएगा। आजकल मई माह में हो रही बेमौसम वर्षा से तो इसी का भय सता रहा है। मई का माह शुरू होने से भी पूर्व देशभर में रुक-रुक बरसात हो रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, आगामी दिनों में भी बारिश होने की आशंका है। ऐसी स्थिति में इसका प्रभाव फल और सब्जी की फसलों पर दिखना आम बात है, जो कि आगामी दिनों में इनकी कीमतों को बढ़ा सकती है। यह भी पढ़ें : मिर्जा गालिब से लेकर बॉलीवुड के कई अभिनेता इस 200 साल पुराने दशहरी आम के पेड़ को देखने पहुँचे हैं

इन फलों पर पड़ेगा बेमौसम बारिश का प्रभाव

खरबूज, लीची, आम और तरबूज गर्मियों के ऐसे फल हैं, जिनकी जितनी सिंचाई की आवश्यकता होती है, उतनी ही गर्मी की भी। उत्तर भारत के विभिन्न इलाके विशेषकर के गंगा एवं यमुना के तटीय क्षेत्र इन फलों की खेती के लिए सर्वाधिक अच्छे माने जाते हैं। यहां पर वर्षा होने की वजह से तापमान में नरमी आती है। इसके चलते इनकी मिठास में भी कुछ कमी रह सकती है। केवल यही नहीं मई माह तक बाजार में इन फलों का आना चालू जाता है। उत्तर प्रदेश के मेरठ का रटौल, महिलाबाद का दशहरी आम तो वहीं बिहार के मुज्जफरपुर की लीचियाँ बाजार पहुँचने लगती हैं। वर्तमान में यह बाजार में थोड़ी कम मात्रा में पहुँच पा रही है। इतना ही नहीं इनका स्वाद तक लुप्त हो चुका है। तो उधर इनके भावों में आसमानी उछाल देखने को मिल रहा है। फल विक्रेताओं के बताने के अनुसार, यदि अगर इसी प्रकार से गर्मी का प्रभाव कम रहा तो अच्छी गुणवत्ता में इन फलों को बाजार तक पहुँचाने में अधिक विलंभ होगा, जो इनकी कीमतों को भी बढ़ा सकती है।

फलों के साथ सब्जियों को भी काफी हानि

बारिश का प्रभाव फलों पर होने के साथ-साथ आम लोगों की थाली में रहने वाली लौकी, भिंडी और प्याज जैसी सब्जियों पर भी देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र एवं कर्नाटक की भाँति प्याज के बड़े उत्पादक प्रदेशों में इस बारिश के चलते खेतों में जलभराव हो गया है। इसकी वजह से प्याज की फसल चौपट हो चुकी है। केवल इतना ही नहीं भिंडी, लौकी और टमाटर पर भी इसका अच्छा खासा प्रभाव देखने को मिला है। किसानों ने भी सरकार से सहायता करने की माँग भी की है।